अँधेरी मधुशाला - २
मधुशाला जो जो जाते हैं, सब प्यासे वापस आते हैं
मदिरालय के प्रांगण में टूटे प्याले बिखरे जाते हैं
मदिरालय से मदिरालय फिरने में हम हाला पाते हैं
प्यासे प्याले चूमे इतने, मदिरा ख़ुद बनते जाते हैं
मधुशाला जो जो जाते हैं, सब प्यासे वापस आते हैं
मदिरालय के प्रांगण में टूटे प्याले बिखरे जाते हैं
मदिरालय से मदिरालय फिरने में हम हाला पाते हैं
प्यासे प्याले चूमे इतने, मदिरा ख़ुद बनते जाते हैं